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Variables ofteaching process( शिक्षण प्रक्रिया के चर)

Variables of teaching process( शिक्षण प्रक्रिया के चर)
जब कोई भी कारक शिक्षा के क्षेत्र के शैक्षिक प्रक्रिया को प्रभावित करता है तो इसे चर कहते है।
कार्टर वी. के शब्दकोष के अनुसार- " विभिन्न व्यक्तिगत केसो का अधिक संख्या में मूल्य ग्रहण करने को भी चर कहते है।

कोई भी कार्य ,व्यवहार, कारक, अनुक्रिया या प्रक्रिया जो परिवर्तनशील है, वह चर कहलाती है।

चर के प्रकार :- 
1  स्वतंत्र चर
2  आश्रित चर
3  हस्तक्षेप चर 

1 स्वतंत्र चर:- शिक्षण प्रक्रिया में शिक्षक , स्वतंत्र चर के रूप में कार्य करता है। वह छात्रों को अधिगम अनुभव प्रदान करने के लिये वीभिन्न प्रकार के कार्य करता है। इस प्रकार  शिक्षक एक स्वतंत्र 
चर के रूप मे कार्य करता है।

2 आश्रित चर:- शिक्षण प्रक्रिया मे छात्र को आश्रीत चर की 
संज्ञा दी गयी है क्योंकि शिक्षण प्रक्रिया में नियोजन, व्यवस्था व
प्रस्तुतीकरण के अनुसार ही उसे सक्रिय रूप से कार्य करना पड़ता है।

3  हस्तक्षेप चर:- शिक्षण प्रक्रिया में पाठय् वस्तु , शिक्षण
विधियां , शिक्षण युक्तियाँ तथा शिक्षण व्यूह रचनाये आदि हस्तक्षेप
करते है। 
    इस प्रकार हम देख सकते ह कीये सभी चर मिलकर शिक्षण प्रक्रिया को पूर्ण करने का प्रयास करते है।

शिक्षण चरो के कार्य( function of teaching variables)
हस्तक्षेप चर के माध्यम से स्वतंत्र चर( शिक्षक ) तथा आश्रित चर (छात्र) शिक्षण प्रक्रिया मे निम्न कार्य करते है-
1 निदानात्मक कार्य
2 उपचारात्मक कार्य
3 मूल्यांकन कार्य

1  निदानात्मक कार्य:- निदानात्मक कार्य मेे  स्वतंत्र चर 
अधिक क्रियाशील होते है शिक्षक इस बात का निदान करते है की छात्र को क्या क्या आता है और उसे कहा कहा कठिनाई होती है। 
पाठ्य वस्तु को पुनः व्यवस्थित करने का कार्य करते है। पूर्व ज्ञान के आधार पर छात्रों के समक्ष पाठ्य वास्तु प्रस्तुति करते है ताकी 
छात्रों का निदान किया जा सके।

2 उपचारात्मक कार्य:- निदान कार्य से जो लक्षण , स्तर या कमी शिक्षक को पता चलती है , उन पर नियन्त्रण तथा उपचार 
करने का कार्य भी शिक्षक का होता है। उपचारात्मक क्रियाओं में
शिक्षक सक्रिय रूप से  कार्य करता है। यह कार्य  क्लास के अंदर किया जाता है। 

3 मूल्यांकन कार्य :- मूल्ययांकन शिक्षा का महत्वपूर्ण अंग 
है । इसके माध्यम से यह देखने का प्रयास किया जाता है कि छात्रों में वांछित परिवर्तन हुआ है की नही। अगर हुआ है तो कितना हुआ है। मूल्यांकन उद्देश्य पर निर्भर रहता है। मूल्यांकन के लिये शिक्षक
विभिन्न प्रकार के प्रविधियों का प्रयोग करता है तथा परीक्षणों का निर्माण करता है।

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